Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
अस्पताल की इमारत, जो एक समय में बच्चों और मानसिक रोगों के इलाज के लिए थी, को बंद कर दिया गया और इसे संदिप घोष और उनके करीबी लोगों ने अपने आवास और आनंद के लिए उपयोग किया। ये बिल्डिंग 'इंदिरा मातृ सदन' के नाम से जानी जाती है और आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के एनेक्स भवन का हिस्सा है।
कोलकाता। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक और बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। अस्पताल की इमारतों के अनुचित उपयोग के आरोपों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। इस मामले में मुख्य आरोपित संदिप घोष और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने अस्पताल की एक इमारत को व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए 'अमोद (पार्टी) अट्टालिका' में बदल दिया था।
अस्पताल की इमारत, जो एक समय में बच्चों और मानसिक रोगों के इलाज के लिए थी, को बंद कर दिया गया और इसे संदिप घोष और उनके करीबी लोगों ने अपने आवास और आनंद के लिए उपयोग किया। ये बिल्डिंग 'इंदिरा मातृ सदन' के नाम से जानी जाती है और आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के एनेक्स भवन का हिस्सा है। सूत्रों के अनुसार, इस बिल्डिंग का उपयोग कुछ मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों द्वारा एक गैरकानूनी हॉस्टल के रूप में किया जा रहा था। आरोप है कि जो छात्र और डॉक्टर संदिप घोष का विरोध करते थे, उन्हें डराने-धमकाने के लिए इस इमारत में बुलाया जाता था।
घटनाक्रम के अनुसार, 2021 और 2022 में, जो लोग संदिप घोष के खिलाफ खड़े हुए, उन्हें रात के समय हॉस्टल से उठाकर इस इमारत में लाया जाता था और उन पर मानसिक और शारीरिक दबाव डाला जाता था। कई छात्रों को धमकाया गया, और कुछ को जबरन घरेलू काम करने के लिए मजबूर किया गया। इस मामले में जूनिथ नामक एक डॉक्टर छात्र का नाम भी सामने आया है, जिसे सिर्फ इसलिए फेल कर दिया गया क्योंकि उसने संदिप घोष के पक्ष में काम करने से इंकार कर दिया था।
आर जी कर अस्पताल को 2021 में पूर्वी भारत के सर्वश्रेष्ठ अस्पताल के रूप में मान्यता मिली थी। यह अस्पताल टीबी नियंत्रण में भी अहम भूमिका निभा रहा था। लेकिन इन घोटालों ने अस्पताल की साख को गहरा नुकसान पहुंचाया है। सवाल यह है कि क्या यह अस्पताल अपने खोए हुए गौरव को फिर से हासिल कर पाएगा?
अस्पताल प्रशासन ने राज्य सरकार से मामले की जांच की अपील की है और उम्मीद जताई है कि इंदिरा मातृ सदन का पुनः उचित उपयोग होगा ताकि आम जनता को इससे लाभ मिल सके।